जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय राजकीय दौरे पर मॉरीशस पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ। यह यात्रा केवल एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि भारत-मॉरीशस के ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंगलवार सुबह जब पीएम मोदी पोर्ट लुई एयरपोर्ट पर उतरे, तो मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने स्वयं उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से रवाना होकर पीएम होटल पहुंचे। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मॉरीशस पहुंच गया हूं। मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम का आभारी हूं, जिन्होंने हवाई अड्डे पर मेरा विशेष स्वागत किया। यह यात्रा एक मूल्यवान मित्र से मिलने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते तलाशने का एक शानदार अवसर है।”
होटल पहुंचने पर भारतीय प्रवासियों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और पारंपरिक बिहारी ‘गीत गवई’ गाकर अपने जड़ों से जुड़े होने का भाव प्रकट किया। पीएम मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल से मुलाकात कर उन्हें भारतीय संस्कृति की सौगात भेंट की। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस के जश्न में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इस मौके पर भारतीय सेना की एक टुकड़ी, भारतीय नौसेना का एक वॉरशिप और वायुसेना की ‘आकाश गंगा’ स्काई डाइविंग टीम इस भव्य आयोजन का हिस्सा होगी।
बता दें कि ‘गीत गवई’ एक पारंपरिक भोजपुरी संगीत समूह है, जो भारत के भोजपुरी क्षेत्र की महिलाओं द्वारा मॉरीशस में लाई गई समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। वहीं पीएम मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट की है। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए भोजपुरी में पोस्ट किया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पीएम मोदी ने भोजपुरी में पोस्ट करते हुए लिखा, “मॉरीशस में यादगार स्वागत भइल। सबसे खास रहल गहिरा सांस्कृतिक जुड़ाव, जवन गीत – गवई के प्रदर्शन में देखे के मिलल। ई सराहनीय बा कि महान भोजपुरी भाषा मॉरीशस के संस्कृति में आजुओ फलत-फूलत बा और मॉरीशस के संस्कृति में अबहियो जीवंत बा।” इसके साथ ही उन्होंने मॉरीशस में उनके भव्य स्वागत का वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो में पारंपरिक बिहारी संस्कृति ‘गीत गवई’ से उनका स्वागत करते हुए देखा जा सकता है। पीएम मोदी को भी पारंपरिक गीत का आनंद लेते हुए देखा गया।
वहीं, इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और मॉरीशस सरकार के बीच व्हाइट शिपिंग इन्फॉर्मेशन एक्सचेंज पर एक अहम समझौता हो सकता है। इस समझौते के तहत दोनों देश समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक-दूसरे के साथ कॉमर्शियल और गैर-सैन्य जहाजों की आवाजाही से जुड़ी सूचनाएं साझा करेंगे। यह हिंद महासागर में भारत की रणनीतिक पकड़ को और मजबूत करेगा।
मॉरीशस की धरती पर भारतीयों का इतिहास करीब 190 साल पुराना है। 2 नवंबर 1834 को भारतीय मजदूरों को लेकर ‘एटलस’ जहाज मॉरीशस पहुंचा था, जिसे याद करते हुए आज भी 2 नवंबर को अप्रवासी दिवस मनाया जाता है। इन मजदूरों में 80% से अधिक बिहार से थे। यही कारण है कि मॉरीशस और भारत के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंध बेहद गहरे हैं।
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान ग्लोबल ट्रेड, अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव, डिफेंस, कैपेसिटी बिल्डिंग और समुद्री सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। यह यात्रा भारत की हिंद महासागर रणनीति, वैश्विक कूटनीति और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।