जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रयागराज, भारत का वो पवित्र स्थल, जहाँ धर्म, संस्कृति और आस्था का मिलाजुला रूप सदियों से देखा जा रहा है। और अब, महाकुंभ 2025 की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं। यह सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक अवसर है, जो दुनिया भर के करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करने वाला है। बता दें, विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले की शुरुआत 13 जनवरी से होने वाली है। ऐसे में 1-1 करके सभी हिंदू अखाड़ों के साधु और संत प्रयागराज में भव्य प्रवेश कर रहे हैं।
इसी कड़ी में आपको बता दें कि नए साल की शुरुआत में प्रयागराज में एक अद्भुत और भव्य दृश्य देखने को मिला, जब नागा साधुओं की फौज ने अपने अस्त्र-शस्त्रों और भस्म-भभूत के साथ अटल अखाड़ा में प्रवेश किया। 1 जनवरी 2025 को आयोजित इस शोभा यात्रा ने प्रयागराज की गलियों को श्रद्धा और आस्था से भर दिया। लगभग पांच किलोमीटर लंबी इस यात्रा में सैकड़ों की संख्या में नागा साधु हाथों में त्रिशूल, भाला, तलवार और अन्य अस्त्र-शस्त्र के साथ सड़कों पर चलते नजर आए। इस यात्रा में भारी पुलिस बल तैनात था, जो सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी संभाल रहा था। इसके अलावा घोड़े पर सवार कई साधु यात्रा के बीचों-बीच आशीर्वाद दे रहे थे। यात्रा के प्रमुख आकर्षण थे अटल अखाड़े के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री श्री स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज, जो चांदी के रथ पर सवार होकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए चल रहे थे। इस दौरान हजारों लोगों ने साधु-संतों का आशीर्वाद लिया।
वहीं, आज यानी कि गुरुवार को श्री पंचायत महानिर्वाणी अखाड़े की पेशवाई निकल रही है। जिसमें एक हजार से ज्यादा साधु-संत हाथी-घोड़े और रथ पर सवार होकर निकले हैं। इनके बीच शिव बराती के रूप में नर-पिशाच बने कलाकार तांडव कर रहे हैं। बता दें, इस पेशवाई में नागा साधु, महंत, श्री महंत, मंडलेश्वर और महामंडलेश्वर शामिल हैं। वहीं, नागा साधु अपने करतब दिखाते हुए आगे बढ़ रहे हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दें, अटल अखाड़े के साथ अब तक 4 अखाड़ों ने कुम्भ में प्रवेश कर लिया है, जबकि 9 अखाड़ों का प्रवेश अभी बाकी है। साथ ही संगम पर अमृत स्नान का दिन भी करीब आ रहा है। 29 जनवरी को अमृत स्नान के पर्व पर लाखों लोग संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाएंगे। वहीं, कुम्भ मेला 13 जनवरी से शुरू हो रहा है, ऐसे में उसी दिन पहला स्नान पर्व भी है।