Prayagraj महाकुंभ: बसंत पंचमी पर कल होगा तीसरा अमृत स्नान, 2 से 4 फरवरी तक वाहनों की एंट्री पर रोक; VVIP पास रद्द! अब तक 97 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

प्रयागराज में महाकुंभ अपने भव्य स्वरूप में जारी है और आज इसका 21वां दिन है। ऐसे में यहाँ आस्था और श्रद्धा का ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है कि दोपहर 2 बजे तक 97 लाख श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं। 13 जनवरी से अब तक कुल 34.57 करोड़ लोग संगम में स्नान कर चुके हैं।

महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन होगा, जो सोमवार सुबह 5 बजे से शुरू होगा। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा और अटल अखाड़ा संगम में आस्था की डुबकी लगाएंगे। वहीं, नया उदासीन अखाड़ा 12 बजे अमृत स्नान करेगा।

श्रद्धालुओं के विशाल सैलाब और स्नान की पवित्रता को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने विशेष सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था लागू की है। 2 से 4 फरवरी तक प्रयागराज शहर और मेला क्षेत्र में वाहनों की एंट्री पूरी तरह से बंद कर दी गई है। यहां तक कि VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं।

श्रद्धालुओं के लिए विशेष ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था

महाकुंभ में किसी भी तरह की अव्यवस्था से बचने के लिए पूरे मेला क्षेत्र में हेलिकॉप्टर से निगरानी की जा रही है। सभी रेलवे स्टेशनों पर वन-वे ट्रैफिक लागू कर दिया गया है। श्रद्धालु पार्किंग से शटल बसों या पैदल घाटों तक पहुंचेंगे।

UP के ADG लॉ एंड ऑर्डर और STF चीफ अमिताभ यश ने खुद VIP घाट की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने मोटरबोट से संगम क्षेत्र का निरीक्षण किया और पैंटून पुलों की स्थिति का भी मुआयना किया।

2 से 4 फरवरी तक ट्रैफिक पर विशेष प्रतिबंध

  • प्रयागराज शहर और मेला क्षेत्र में वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद कर दी गई है।
  • VVIP पास भी रद्द कर दिए गए हैं।
  •  हेलिकॉप्टर से निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो।

 श्रद्धालुओं को अपने वाहन शहर के बाहर पार्किंग में खड़े करने होंगे।
पार्किंग से शटल बसों या पैदल ही घाटों तक पहुंचा जा सकेगा।
रेलवे स्टेशनों पर वन-वे व्यवस्था लागू कर दी गई है ताकि भीड़ को सुचारू रूप से नियंत्रित किया जा सके।

कल बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर अपने जीवन को पावन बनाएंगे। पूरा प्रयागराज आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर है और हर कोई इस पवित्र अवसर का साक्षी बनने को आतुर है। ऐसे में महाकुंभ के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द्र की एक मिसाल भी देखने को मिल रही है। पुराने शहर के मस्जिदों, मदरसों और इमामबाड़ों की देखरेख करने वाले मुतवल्लियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। यहां श्रद्धालुओं के लिए खाने-पीने की विशेष व्यवस्था भी की जा रही है। बता दें, मौनी अमावस्या की भगदड़ के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को मस्जिदों और मदरसों में ठहरने की व्यवस्था दी थी।

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