राहुल गांधी का आरोप – “मोदी चोरी से प्रधानमंत्री बने, EC-भाजपा ने की मिलीभगत”; बोले – “25 सीटों पर EVM डेटा मिले तो साबित कर दूंगा”, चुनाव आयोग से कहा :10 साल का EVM डेटा और वोटर लिस्ट करें सार्वजनिक!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को बेंगलुरु में आयोजित ‘वोट अधिकार रैली’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। राहुल ने कहा कि मोदी तीसरी बार केवल 25 सीटों के अंतर से प्रधानमंत्री बने हैं, जिनमें से 25 सीटें ऐसी हैं जिन्हें भाजपा ने 35 हजार या उससे कम वोटों से जीता। उन्होंने दावा किया कि अगर कांग्रेस को इन सीटों का इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग डेटा मिल जाए, तो वह साबित कर देंगे कि यह जीत “चोरी” करके हासिल की गई है।

राहुल ने चुनाव आयोग को चुनौती देते हुए कहा कि पिछले 10 साल की देशभर की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट और मतदान केंद्रों की वीडियोग्राफी सार्वजनिक की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह डेटा उपलब्ध नहीं कराया गया तो यह लोकतंत्र के खिलाफ अपराध माना जाएगा। उनके अनुसार, भाजपा को चुनाव में हेरफेर करने देने में चुनाव आयोग की सीधी भूमिका रही है, और देश के नागरिकों को मिलकर आयोग से वोटर्स का पूरा डेटा मांगना चाहिए।

कर्नाटक में ‘फर्जी वोट’ का आरोप

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का जिक्र किया, जहां उनके अनुसार 6.50 लाख मतदाताओं में से 1,00,250 फर्जी वोट जोड़े गए। उन्होंने दावा किया कि एक वोटर का नाम कई पोलिंग बूथों में था, कई मतदाताओं के पास स्थायी पते नहीं थे, और एक ही पते पर 40-50 वोटर दर्ज थे। राहुल ने कहा कि जांच में सामने आया कि इन पते से जुड़े कुछ घर भाजपा नेताओं के थे।

उनका आरोप था कि इस गड़बड़ी को राज्य सरकार की मदद से अंजाम दिया गया और इसका सीधा फायदा भाजपा को मिला। राहुल ने कहा कि उनके पास सबूत मौजूद हैं कि इस तरह की “चोरी” सिर्फ विधानसभा नहीं, बल्कि लोकसभा चुनाव में भी हुई है।

पिछले आरोप और ECI की प्रतिक्रिया

यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और भाजपा पर चुनावी धांधली के आरोप लगाए हों। अगस्त और जुलाई 2025 में भी उन्होंने इसी तरह के आरोप लगाए थे, जिसमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के चुनावों का उदाहरण दिया गया था। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को “निराधार” बताते हुए खारिज किया और कहा कि यदि कांग्रेस को आपत्ति है तो वह अदालत का रुख करे। आयोग ने यह भी कहा कि चुनाव पूरी पारदर्शिता और कानूनी नियमों के तहत कराए गए।

राहुल का चेतावनी भरा संदेश

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा, “यह सिर्फ चुनावी घोटाला नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है। जो लोग इस गुनाह में शामिल हैं, वे यह न सोचें कि बच जाएंगे। वक्त बदलेगा और सजा जरूर मिलेगी।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक सीट की विस्तृत जांच में छह महीने तक जुटी रही और यदि डेटा उपलब्ध कराया गया तो 20-25 सीटों पर भी इसी तरह की जांच की जाएगी।

यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में चुनावी पारदर्शिता और मतदाता सूची की विश्वसनीयता को लेकर बहस तेज है। भाजपा और चुनाव आयोग इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि यह मामला लोकतंत्र की नींव से जुड़ा है और इसे जनता के सामने लाया जाएगा।

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