जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर के चर्चित ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी मर्डर केस ने अब एक ऐसा मोड़ ले लिया है जिसने पुलिस से लेकर पूरे देश को चौंका दिया है। इस हत्याकांड में मृतक की पत्नी सोनम रघुवंशी और राज कुशवाह समेत पांच आरोपियों को 8 दिन की रिमांड पर मेघालय पुलिस को सौंप दिया गया है। रिमांड के पहले ही दिन पूछताछ में ऐसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो इस मामले को एक सुनियोजित और संगठित अपराध की दिशा में ले जा रहे हैं।
मेघालय पुलिस आज आरोपियों का आमना-सामना करवा सकती है, और मौका-ए-वारदात पर सीन रीक्रिएशन भी कराया जा सकता है, जिससे हत्या के पूरे घटनाक्रम की स्पष्टता आ सके। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बुधवार सुबह 11 बजे जब सोनम से पूछताछ शुरू हुई, तो उसने खुद के साथ डकैती का दावा किया। लेकिन जब पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड, मौके से बरामद खून से सनी शर्ट और रेनकोट जैसे सबूत दिखाए, तो सोनम टूट गई और जोर-जोर से रोने लगी।
इस केस का सबसे बड़ा सुराग तब हाथ लगा जब मेघालय के सोहरा स्थित होम स्टे में छोड़े गए सूटकेस से पुलिस को सोनम के मंगलसूत्र और अंगूठी मिली। मेघालय की डीजीपी इदाशीशा नोंग्रांग ने बताया कि एक नवविवाहिता का इस तरह गहने छोड़ जाना बेहद संदिग्ध था। इन्हीं सुरागों ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में निर्णायक भूमिका निभाई।
मेघालय पुलिस के अनुसार, हत्या के बाद सोनम शिलॉन्ग से गुवाहाटी होते हुए इंदौर लौटी थी। इसी सिलसिले में इंदौर पुलिस बुधवार रात देवास नाके के पास एक होटल पहुंची, जहाँ 26 मई को “विशाल” और “अंजली” नाम से दो लोग कुछ घंटों के लिए ठहरे थे। लेकिन होटल में दिए गए नंबर अब बंद आ रहे हैं।
जब सोनम से पूछताछ और गहन जांच की गई, तो यह भी सामने आया कि सोनम और राज मिलकर हवाला कारोबार में भी सक्रिय थे। इंदौर पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, सोनम ने अपने मौसी के बेटे जितेंद्र रघुवंशी के नाम पर तीन सेविंग और एक करंट अकाउंट खुलवाए। इन खातों में अपना नंबर रजिस्टर कर वह खुद ही UPI से ट्रांजैक्शन करती थी। साथ ही, राज के नाम पर बने पेटीएम अकाउंट को भी वह खुद ऑपरेट कर रही थी। हवाला के इस गोरखधंधे से दोनों ने लाखों रुपए कमाए। फिलहाल जितेंद्र फरार है और उसकी तलाश जारी है।
मेघालय ईस्टर्न रेंज के DIG डेविस एनआर मारक के मुताबिक, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि मास्टरमाइंड कौन है – सोनम या राज? पुलिस दोनों से अलग-अलग पूछताछ कर रही है और जल्द ही आमना-सामना कराकर पूरे प्लान का खुलासा किया जाएगा। इसके बाद आरोपियों को मौके पर ले जाकर हत्या का रीक्रिएशन कराया जाएगा, जिससे जांच को अंतिम रूप मिल सके।
पूरे घटनाक्रम की टाइमलाइन देखें तो –
राजा और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी।
21 मई को दोनों शिलॉन्ग पहुंचे थे।
23 मई को परिवार से आखिरी बार बात हुई।
और 2 जून को राजा का शव बरामद हुआ।
जब 17 दिन से लापता सोनम 9 जून को गाजीपुर में मिली, तभी से यह केस तेजी से खुलने लगा।
इधर, आरोपी राज की मां चुन्नीबाई ने कहा कि राज को फंसाया जा रहा है। “सोनम ने खुद राजा से शादी की थी। राज तो राजा को जानता भी नहीं था। वो ऐसा क्यों करेगा? वह तो उम्र में भी सोनम से छोटा है।” राज की बहन ने भी दावा किया कि राज निर्दोष है और सच्चाई पुलिस जांच में सामने आ जाएगी।
मेघालय के मंत्री अलेक्जेंडर लालू हेक ने पुलिस की कार्यशैली की तारीफ करते हुए कहा कि यह अत्यंत संवेदनशील मामला था, लेकिन पुलिस ने तेजी और सटीकता से जांच करते हुए केस को सुलझाया। उन्होंने मृतक राजा रघुवंशी के परिवार के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।