जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर में मार्च 2025 के महीने में एक ऐतिहासिक रजिस्ट्री हुई है, जो न केवल शहर के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है। इस रजिस्ट्री के माध्यम से शासन को 27 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह रजिस्ट्री हुकुमचंद मिल की 42 एकड़ ज़मीन की हुई, जिसकी कीमत 218 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। इस ज़मीन का विकास आने वाले दिनों में किया जाएगा, जिससे शहर में और अधिक विकास के अवसर पैदा होंगे। वहीं, इस रजिस्ट्री के साथ ही इंदौर में रजिस्ट्री की दरों में भी वृद्धि की घोषणा की गई है।
इंदौर के वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा के अनुसार, 29 मार्च को इंदौर-3 ऑफिस में हुकुमचंद मिल के दस्तावेजों का पंजीयन हुआ। इसके बाद से ही शहर की 3226 लोकेशन पर रजिस्ट्री दरों में बढ़ोतरी की गई है। इस वृद्धि में कुछ क्षेत्रों में 150 से 170 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है, जैसे बुढ़ानिया, बिसनावदा, निपानिया, अर्जुन बड़ौद, झलारिया, डकाच्या, आउटर रिंग रोड आदि क्षेत्रों में। इसके अलावा, 240 नई कॉलोनियों को पहली बार गाइडलाइन में शामिल किया गया है और 636 लोकेशनों पर 51 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है।
इसके साथ ही, 2024-25 में 2400 लोकेशनों पर रजिस्ट्री दरों में बढ़ोतरी की गई थी। हालांकि, इस वृद्धि को लेकर एक अजीब स्थिति भी उत्पन्न हुई जब बैठक में सिर्फ एक जनप्रतिनिधि, विधायक महेंद्र हार्डिया उपस्थित रहे, और उन्हें भी बैठक से कुछ ही समय पहले इसकी जानकारी दी गई। इस प्रकार, हजारों कॉलोनियों के फैसले अधिकारी खुद करेंगे और जनता का पक्ष कहीं से भी सामने नहीं आया।
इंदौर नगर निगम ने 2024-25 में लगभग 1000 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स कलेक्शन किया, जो नगर निगम के इतिहास में पहली बार हुआ है। इसके अलावा, इस वित्तीय वर्ष में इंदौर ने कुल 2541 करोड़ रुपये का आय संग्रहण किया, जिसमें 1.85 लाख दस्तावेजों का पंजीयन हुआ। लक्ष्य 3077 करोड़ रुपये का था, और प्रदेश के कुल राजस्व का 22 प्रतिशत हिस्सा इंदौर से आया है।
आने वाले समय में इंदौर में प्रॉपर्टी की कलेक्टर गाइडलाइन में औसतन 26 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, जिसमें 4680 लोकेशन के लिए गाइडलाइन तय की जाएगी। इसके साथ ही, इंदौर के विभिन्न क्षेत्रों में नई कॉलोनियों का निर्माण भी हो रहा है, जैसे सांवेर में सबसे अधिक कॉलोनियां बन रही हैं।
वहीं, हुकुमचंद मिल की ज़मीन के सौदे से मध्य प्रदेश हाउसिंग बोर्ड को भूमि का स्वामित्व मिला है, और इसके तहत 425 करोड़ रुपये नगर निगम के बैंक खाते में जमा किए गए हैं। इस राशि का एक बड़ा हिस्सा हुकुमचंद मिल के मजदूरों और उनके परिवारों को वितरित किया गया है, और बाकी राशि बैंक और अन्य देनदारों को दी जा रही है।
इंदौर में अब तक के सबसे बड़े भूमि सौदे में रिलायंस ने 2007 में 270 करोड़ रुपये में 9 एकड़ ज़मीन खरीदी थी, जबकि हाल ही में गोदरेज ने 200 करोड़ रुपये में 46 एकड़ ज़मीन खरीदी। इस प्रकार, इंदौर में जमीनों के सौदे लगातार बढ़ रहे हैं और इसका असर शहर के आर्थिक विकास पर साफ तौर पर देखा जा सकता है।