जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
संसद के मानसून सत्र में सोमवार का दिन हंगामे और राजनीतिक टकराव से भरा रहा। वोटर वेरिफिकेशन और वोट चोरी के आरोपों को लेकर विपक्ष ने सड़क से सदन तक जोरदार विरोध किया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बहस और आरोप-प्रत्यारोप के बीच सरकार ने कई अहम विधेयक पास करवाए, जबकि विपक्ष का आंदोलन भी तेज़ रहा।
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संशोधित आयकर विधेयक (नंबर 2) 2025 और कराधान कानून संशोधन विधेयक 2025 पेश किया, जिसे बहस के बीच ही पारित कर दिया गया। यह नया आयकर बिल पुराने आयकर अधिनियम 1961 को हटाकर एक नया और समेकित ढांचा लाने का प्रयास है। सीतारमण ने बताया कि इसमें प्रवर समिति की अधिकांश सिफारिशों को शामिल किया गया है और यह कर प्रशासन को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
राज्यसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गोवा विधानसभा के लिए एसटी आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया। वहीं, मणिपुर से संबंधित तीन विधेयक—गुड्स एंड सर्विस टैक्स संशोधन विधेयक, विनियोग विधेयक और 2025-26 का बजट—चर्चा के लिए रखे गए। केंद्र सरकार ने मणिपुर के बजट को “प्रगतिशील और विश्वास बहाली वाला” बताते हुए इसे विकास के नए अवसर खोलने वाला कदम बताया।
खेल के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव के संकेत मिले। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक 2025 लोकसभा में पेश किए, जिनका उद्देश्य खेल प्रबंधन में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक पारित होने के बाद सदन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस बीच, संसद के बाहर विपक्ष ने वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया और मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च निकाला। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, शिवसेना नेता संजय राउत और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा समेत 30 से अधिक सांसदों को दिल्ली पुलिस ने मार्च के दौरान हिरासत में लिया। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर कर रही है और चुनावी पारदर्शिता पर चोट पहुंचा रही है। हिरासत के दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की तबीयत बिगड़ने से कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल भी बन गया। हालांकि, सभी नेताओं को बाद में रिहा कर दिया गया।
विपक्ष के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष ने संसद का कीमती समय बर्बाद किया है और सरकार अब महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने में देरी नहीं करेगी। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बिलों को विपक्ष की अनुपस्थिति में पास करने को लोकतंत्र के साथ धोखा करार देते हुए इस पर चेयर और नेता सदन से स्पष्टीकरण मांगा।
पूरा दिन संसद में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव, सड़कों पर प्रदर्शन, और विधायी गतिविधियों का मिला-जुला दृश्य रहा। एक तरफ सरकार ने इसे सुधार और विकास के लिए ऐतिहासिक दिन बताया, तो दूसरी तरफ विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों की अनदेखी का उदाहरण करार दिया।