अफवाह ने ली जान! हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में करंट की अफवाह से मची भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत और दर्जनों श्रद्धालु घायल; हादसे के बाद मंदिर बंद!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

रविवार सुबह का वक्त था, जब हरिद्वार की शिवालिक पहाड़ियों पर स्थित मनसा देवी मंदिर में हज़ारों श्रद्धालु दर्शन के लिए जुटे थे। हर-की-पौड़ी से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु या तो 1.5 किलोमीटर की सीढ़ी चढ़ते हैं या रोपवे का सहारा लेते हैं। लेकिन इस बार दर्शन की ये यात्रा कई परिवारों के लिए काल बनकर आई। सुबह 9:15 बजे मंदिर परिसर में अचानक अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हुई और भगदड़ मच गई। इस भीषण हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है और 29 से ज़्यादा श्रद्धालु घायल हो गए हैं।

गढ़वाल डिवीजन के कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने शुरुआती जांच में बताया कि यह हादसा भीड़ की अधिकता के कारण हुआ। लेकिन पुलिस की मानें तो एक बिजली के झटके की अफवाह ने हालात को और खतरनाक बना दिया। SSP प्रमेन्द्र सिंह डोभाल ने बताया कि मंदिर मार्ग में सीढ़ियों के पास करंट फैलने की अफवाह ने श्रद्धालुओं में दहशत फैला दी, जिसके चलते लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और भगदड़ मच गई।

हादसे के बाद घायलों को तत्काल स्थानीय अस्पतालों में भर्ती कराया गया। प्रशासन की तत्परता से कुछ घायलों की जान बच सकी, लेकिन 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य घायलों का इलाज जारी है। प्रशासन की मानें तो कुल 35 लोगों को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था।

‘करंट’ की अफवाह और सोशल मीडिया की भूमिका

DM मयूर दीक्षित ने कहा कि घटना के बाद जब सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप्स की जांच की गई तो पाया गया कि बिजली के तार टूटने जैसी कोई बात नहीं थी। अफवाह किसने और क्यों फैलाई, इसकी गहन जांच की जा रही है।

गंगा सभा से जुड़े तीर्थपुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि “सुबह करीब 9 बजे अचानक भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। किसी को समझ नहीं आया कि क्या हुआ। सिर्फ पैदल चलने का एक रास्ता होने के कारण भगदड़ को रोक पाना मुश्किल हो गया। आसपास के व्यापारी, स्थानीय लोग और पुलिस ने मिलकर घायलों को तत्काल एम्बुलेंस तक पहुंचाया।”

पंडित ने यह भी बताया कि सीढ़ियों के किनारे बनी चारदीवारी ने भगदड़ के दौरान निकलने के रास्ते को संकरा कर दिया, जिससे दबाव और बढ़ गया।

एक तीर्थयात्री ने बताया – “हमने अचानक लोगों को चिल्लाते हुए भागते देखा। किसी ने कहा सीढ़ियों पर करंट है। उसके बाद हर कोई जान बचाने की कोशिश में था। मैंने करीब 20 से ज़्यादा लोगों को गिरते और घायल होते देखा।”

हादसे के बाद मंदिर बंद

हादसे के तुरंत बाद प्रशासन ने मनसा देवी मंदिर के प्रवेश द्वार बंद कर दिए और श्रद्धालुओं से वापस लौटने का अनुरोध किया गया।

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