AAP में बगावत के सुर: आज 3 पार्षदों ने थामा भाजपा का दामन, अब तक AAP के 4 नेता कर चुके दलबदल; क्या MCD में भी BJP करेगी कब्जा?

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

दिल्ली की राजनीति में भूचाल आ गया है! विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत के बाद अब भाजपा की नजरें दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (MCD) पर टिकी हैं। शनिवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के तीन पार्षदों ने भाजपा का दामन थामकर सियासी समीकरण को पूरी तरह से बदल दिया। एंड्रयूज गंज से अनीता बसोया, आरके पुरम से धर्मवीर और चपराना से निखिल भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इन पार्षदों को पार्टी में शामिल करवाकर यह साफ कर दिया कि अब MCD की सत्ता भी भाजपा के हाथों में जाने वाली है।

लेकिन यह सिर्फ शुरुआत थी! इन तीन पार्षदों के अलावा, AAP के चार और नेता भाजपा में शामिल हो गए, जिनमें पूर्व नई दिल्ली जिला अध्यक्ष संदीप बसोया भी शामिल हैं। इससे AAP के लिए संकट और गहरा गया है।

MCD में शक्ति संतुलन बदला, AAP-BJP आमने-सामने!

दिल्ली नगर निगम में कुल 250 सीटें हैं। AAP के पास 121 पार्षद थे, जिनमें से तीन ने विधानसभा चुनाव जीत लिया, यानी 118 पार्षद बचे। वहीं, भाजपा के पास 120 पार्षद थे, लेकिन आठ विधायक बन गए, जिससे उनका आंकड़ा घटकर 112 रह गया। लेकिन अब तीन पार्षदों के दलबदल के बाद AAP और भाजपा, दोनों के पार्षदों की संख्या 115-115 हो गई है। यानी MCD की सत्ता के लिए अब जोरदार टकराव तय है!

अप्रैल में MCD का चुनाव, क्या AAP की गद्दी हिलने वाली है?

दिल्ली MCD के मेयर का चुनाव इसी साल अप्रैल में होगा। पिछली बार AAP के महेश खिंची ने भाजपा के किशन लाल को मात्र 3 वोटों से हराया था। 263 वोटों में से खिंची को 133 और किशन लाल को 130 वोट मिले थे। अब जब दोनों दलों की संख्या बराबर हो चुकी है, तो आने वाले चुनाव में AAP के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

इसके अलावा, ढाई साल से MCD की सबसे पावरफुल बॉडी स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो सका है, जिससे सत्ता संचालन में रुकावटें आ रही हैं। अब उपराज्यपाल (LG) की विशेष अनुमति के बाद कमिश्नर अश्विनी कुमार सदन में बजट पेश करेंगे, जो करीब 17 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा इस बजट को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर सकती है, जिससे MCD में AAP की पकड़ कमजोर हो जाए।

गौरतलब हो कि, 8 फरवरी को आए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 26 साल बाद सत्ता में वापसी की। भाजपा की जीत ने AAP की रणनीति को ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही दिल्ली में अब नई सरकार के गठन की तैयारियां जोरों पर हैं। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का शपथग्रहण समारोह 19 या 20 फरवरी को हो सकता है।

अब सबसे बड़ा सवाल यही है—क्या भाजपा MCD की सत्ता भी छीन लेगी? क्या AAP इस सियासी झटके से उबर पाएगी? दिल्ली में सियासी घमासान तेज हो चुका है, और आने वाले दिनों में राजनीति में बड़े उलटफेर देखने को मिल सकते हैं!

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