जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
तेलंगाना के पाशमिलारम इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज की फार्मा फैक्ट्री में हुए भयावह विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को जहां एक व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, वहीं घटनास्थल से बरामद जले हुए अंगों और हड्डियों की DNA जांच से एक और शव की पहचान हुई। हादसे के 6 दिन बीत जाने के बाद भी सर्च ऑपरेशन जारी है, क्योंकि अभी भी 8 लोग लापता हैं।
अधिकारियों ने बताया कि शनिवार और रविवार को घटनास्थल से कुछ और हड्डियां और जले हुए शरीर के टुकड़े मिले हैं। इनका DNA टेस्ट कराया जा रहा है ताकि लापता लोगों की पहचान हो सके और उनके परिजनों को अंतिम सच्चाई का पता चल सके।
बता दें, यह दर्दनाक हादसा 30 जून की सुबह 8.15 से 9.30 बजे के बीच हुआ था, जब फैक्ट्री में करीब 150 लोग मौजूद थे। धमाके के वक्त रिएक्टर यूनिट में लगभग 90 मजदूर काम कर रहे थे। विस्फोट इतना भीषण था कि मजदूरों के शरीर के टुकड़े फैक्ट्री से कई मीटर दूर तक जा गिरे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कई मजदूर तो धमाके की ताकत से 100 मीटर दूर तक उछलकर गिर पड़े। वहीं, रेस्क्यू और मेडिकल टीम ने हादसे के दिन ही 31 शव बरामद किए थे, जिनमें से कई की पहचान करना तक मुश्किल हो गया। मजदूरों के मोबाइल शिफ्ट शुरू होते ही जमा करा दिए जाते थे, जिस वजह से अंदर क्या हुआ, कितने लोग जिंदा बचे, इसका पता ही नहीं चल सका।
इस हादसे में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से आए सैकड़ों प्रवासी मजदूर काम कर रहे थे। एक मजदूर के परिवार की महिला ने बताया कि उनके परिवार के चार सदस्य — बेटा, दामाद, जेठ और देवर — सभी इसी फैक्ट्री में काम करते हैं। उनमें से तीन लोग उस दिन सुबह की शिफ्ट में थे, जो अब तक वापस नहीं लौटे।
इस भीषण घटना के बाद सरकार और कंपनी की ओर से मुआवजे की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने PM नेशनल रिलीफ फंड से मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50 हजार की सहायता देने की घोषणा की। वहीं कंपनी ने भी मृतकों के परिवारों को ₹1 करोड़, गंभीर रूप से घायलों को ₹10 लाख और अन्य घायलों को ₹5 लाख की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।
हालांकि, परिजनों का गुस्सा इस बात को लेकर है कि अब तक इस हादसे की असली वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। प्रारंभिक जांच में कहा गया कि रिएक्टर में प्रेशर अधिक बढ़ने के कारण ब्लास्ट हुआ, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई और क्या फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन ठीक से किया जा रहा था?
हादसे के बाद फैक्ट्री पूरी तरह तहस-नहस हो गई है। रिएक्टर यूनिट पूरी तरह तबाह है। मौके पर NDRF और फोरेंसिक टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं ताकि बचे हुए अंगों और सुरागों को इकट्ठा कर लापता लोगों की पहचान की जा सके।