जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-142 स्थित ब्लिपी डे-केयर सेंटर में 15 महीने की बच्ची के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। घटना 4 अगस्त 2025 की है, जिसमें सेंटर की एक नाबालिग सहायिका पर बच्ची को गंभीर रूप से प्रताड़ित करने का आरोप है। बच्ची की मां द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद यह मामला पुलिस तक पहुंचा और CCTV फुटेज ने पूरे घटनाक्रम की हकीकत उजागर कर दी।
10 मिनट 30 सेकेंड का दर्दनाक वीडियो
CCTV फुटेज में देखा जा सकता है कि सहायिका पहले बच्ची के मुंह में जबरन खिलौना ठूंसती है, फिर दो बार उसे खड़े-खड़े जमीन पर पटक देती है। इतना ही नहीं, उसने बच्ची की पीठ पर जोर से थप्पड़ मारे, सीने पर मुक्का मारा और सिर दीवार से टकरा दिया। फुटेज में बच्ची की चीख-पुकार और उसकी असहाय हालत साफ सुनाई देती है। यहां तक कि सहायिका ने बच्ची की जांघ पर दांत से काट भी लिया।
मां को जांघ पर निशान देखकर हुआ शक
पीड़िता की मां मोनिका देवी ने बताया कि वह रोजाना अपनी बेटी वेदांशी पटेल को डे-केयर में दो घंटे के लिए छोड़ती थीं। 4 अगस्त को जब वह बच्ची को घर लेकर आईं तो वह लगातार रो रही थी। कपड़े बदलते समय दोनों जांघों पर दांत के निशान देखे गए। डॉक्टर से जांच कराने पर पुष्टि हुई कि ये इंसानी दांत के निशान हैं।
डे-केयर संचालिका और सहायिका पर केस दर्ज
मामले की गंभीरता को देखते हुए सेक्टर-142 कोतवाली पुलिस ने संचालिका चारु और नाबालिग सहायिका के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), धारा-352 (जानबूझकर अपमान करना) और धारा-351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने बच्ची का मेडिकल करवाया और सहायिका को हिरासत में लिया है।
बिना लाइसेंस संचालन और सुरक्षा में लापरवाही के आरोप
स्थानीय निवासियों के अनुसार, डे-केयर सोसाइटी के ग्राउंड फ्लोर पर किराए के फ्लैट में संचालित हो रहा था और एक बच्चे की मासिक फीस ₹3500 ली जाती थी। सेंटर में करीब 12 बच्चे आते हैं और देखभाल की जिम्मेदारी नाबालिग सहायिका को सौंपी गई थी, जिसकी मानसिक स्थिति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। पहले भी इस सहायिका के खिलाफ शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई की शुरुआत
DCP शक्तिमोहन अवस्थी ने बताया कि संचालिका से पूछताछ की जा रही है और डे-केयर की वैधता की जांच हो रही है। पुलिस ने इस घटना की जानकारी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को पत्र लिखकर दी है। पत्र में सभी डे-केयर सेंटरों में CCTV कैमरे लगाने और सुरक्षा नियमों के सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
समाज में गूंजा मामला, कड़े नियमों की मांग
इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय निवासियों और पैरेंट्स में रोष है। वे मांग कर रहे हैं कि बच्चों की सुरक्षा के लिए डे-केयर सेंटरों पर निगरानी बढ़ाई जाए, बिना लाइसेंस और प्रशिक्षित स्टाफ के संचालन पर रोक लगे और दोषियों को सख्त सजा मिले।