MP विधानसभा का पहला दिन हंगामेदार: गिरगिट लेकर विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक, सरकार पर लगाए वादाखिलाफी के आरोप; पहले दिन ही कार्यवाही स्थगित!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत सोमवार को सियासी गर्मी के साथ हुई। विपक्षी कांग्रेस ने पहले ही दिन सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। हाथों में तख्तियां और गिरगिट के खिलौने लेकर पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया और सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगाए। उनका आरोप था कि सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27% आरक्षण देने से कतरा रही है और बार-बार गिरगिट की तरह रंग बदल रही है।

विधानसभा में उमड़ी इस राजनीतिक हलचल के बीच सदन की कार्यवाही कुछ देर चली, लेकिन श्रद्धांजलियों के बाद अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र के पहले दिन से ही स्पष्ट हो गया कि विपक्ष सरकार को कई मोर्चों पर घेरने की रणनीति के साथ आया है।

बात दें, सत्र की शुरुआत दिवंगत नेताओं और हालिया घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देकर हुई। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित अन्य विधायकों ने पूर्व विधायक राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह, गिरिजा व्यास, विजय रूपाणी, अभिनेता मनोज कुमार, लोक कलाकार रामसहाय पांडे और पहलगाम आतंकी हमले तथा अहमदाबाद विमान हादसे के मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित कर दी गई।

वहीं, विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष कांग्रेस विधायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विरोध का तरीका अनोखा था – हाथों में ‘गिरगिट’ के खिलौने थे, जो सत्ता के रंग बदलने के प्रतीक के तौर पर दिखाए गए। विधायक आरोप लगा रहे थे कि ओबीसी आरक्षण के मामले में सरकार ने बार-बार रुख बदलकर जनता के साथ धोखा किया है।

इसके अलावा सदन में प्रदर्शन पर प्रतिबंध को लेकर भी कांग्रेस ने ऐतराज जताया। विधानसभा सचिवालय की ओर से सभी विधायकों को पत्र जारी कर प्रदर्शन और नारेबाजी न करने की हिदायत दी गई थी। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताते हुए कहा कि सरकार जनप्रतिनिधियों और मीडिया को असहज करना चाहती है। उन्होंने उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था में गड़बड़ी को लेकर भी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की।

इससे पहले रविवार को भोपाल में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि मानसून सत्र के दौरान आदिवासियों की जमीन से बेदखली, भर्ती परीक्षाओं में घोटाले, जातिगत जनगणना, युवाओं को रोजगार, महिला अपराध, ड्रग्स माफिया, खाद की कमी, और 27% ओबीसी आरक्षण जैसे मुद्दों को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा।

सदन में आएंगे तीन विधेयक और अनुपूरक बजट

8 अगस्त तक चलने वाले इस मानसून सत्र में सरकार तीन विधेयक पेश करेगी और अनुपूरक बजट भी सदन में लाया जाएगा। अब तक विधानसभा सचिवालय को 3377 प्रश्न प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 2076 ऑनलाइन और 1301 ऑफलाइन हैं। 226 ध्यानाकर्षण, 23 अशासकीय संकल्प और 65 शून्यकाल की सूचनाएं भी विधायकों ने भेजी हैं।

जैसे-जैसे मानसून सत्र आगे बढ़ेगा, कांग्रेस और सरकार के बीच आरक्षण, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर टकराव बढ़ने की आशंका है। पहले ही दिन विपक्ष के तेवर से यह संकेत मिल चुका है कि सत्र सिर्फ औपचारिक नहीं रहने वाला, बल्कि सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस और जोरदार सवाल-जवाब की जमीन तैयार हो चुकी है।

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