मार्च में ही दिखेगा अप्रैल-मई जैसा प्रचंड गर्मी का कहर: 20 मार्च के बाद हल्की बारिश, लेकिन उमस बढ़ने के आसार; मुरैना में ओलों की मार से फसलें बर्बाद

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मार्च की शुरुआत के साथ ही मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज करवट ले चुका है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो इस बार मार्च में ही वह गर्मी देखने को मिलेगी, जो आमतौर पर अप्रैल-मई में अपना विकराल रूप दिखाती है। पहले सप्ताह में बादलों की हल्की आवाजाही रहेगी, लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ेंगे, सूरज का प्रकोप भी बढ़ता जाएगा। चौथे सप्ताह तक हालात ऐसे होंगे कि प्रदेश के कई इलाकों में लू का कहर देखने को मिलेगा।

मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस बार गर्मी के दौरान लू का असर तेज रहेगा, ऐसे में घर से निकलने से पहले सावधानी बरतनी होगी। विभाग के अनुसार, 20 मार्च के बाद जब पारा चरम पर होगा, तब कुछ जिलों में हल्की बारिश और गरज-चमक के साथ बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है। खासतौर पर जबलपुर, शहडोल और नर्मदापुरम संभाग में बादलों की हल्की हलचल रहेगी। लेकिन यह बारिश गर्मी से राहत देने के बजाय उमस बढ़ा सकती है।

उधर, मार्च के पहले हफ्ते में ही मुरैना के 24 से ज्यादा गांवों में तेज हवाओं और ओलों की मार पड़ी। बारिश के साथ चने के आकार के ओले भी गिरे, जिसके बाद सुमावली, अंबाह और दिमनी क्षेत्रों में ओले गिरने से फसलें चौपट हो गईं।

गर्म हवाओं की दस्तक और लू का कहर

इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, सागर और रीवा संभागों में 3 से 4 दिन तक लू चलने की आशंका जताई गई है। दिन का तापमान 38 से 42 डिग्री तक पहुंचेगा, जबकि रातें भी गर्म होंगी। 15 मार्च के बाद कई शहरों में पारा 40 डिग्री को पार कर जाएगा, जिससे हीट वेव का असर तेज होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मार्च से मई के बीच प्रदेश में 15 से 20 दिन तक लू का असर देखने को मिलेगा, जबकि अप्रैल-मई में यह अवधि 30 से 35 दिन तक जा सकती है।

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