जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
देश में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 3726 पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटे में 700 से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे स्वास्थ्य महकमे और आम जनता के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है। केरल में सबसे ज्यादा 1336 केस, महाराष्ट्र में 749, और राजधानी दिल्ली में 375 एक्टिव केस सामने आए हैं।
कोविड की इस वापसी ने एक बार फिर देश की स्वास्थ्य व्यवस्था और सावधानियों की तैयारियों को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। सबसे चिंताजनक पहलू ये है कि बीते 24 घंटे में 6 मौतें दर्ज की गईं, जिससे कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या 28 तक पहुंच गई है। बेंगलुरु में एक 63 वर्षीय व्यक्ति, जिसे दोनों वैक्सीन और बूस्टर डोज़ लगी थी, की मौत हो गई, वहीं दिल्ली में 60 साल के बुजुर्ग ने भी दम तोड़ दिया। महाराष्ट्र में अब तक सबसे अधिक 7 मौतें दर्ज की गई हैं।
इस बीच कर्नाटक सरकार ने भी एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों से भीड़भाड़ से बचने, मास्क पहनने, साफ-सफाई रखने और कोविड के लक्षण दिखने पर तत्काल जांच कराने की अपील की गई है। सरकार का मानना है कि समय रहते जागरूकता और सावधानी ही संक्रमण की गति को रोक सकती है।
दूसरी ओर, मिजोरम में भी 7 महीने बाद दो नए कोविड केस मिले हैं, जिससे साफ है कि संक्रमण का फैलाव धीरे-धीरे देश के उन इलाकों तक भी हो रहा है, जहां पिछले महीनों में कोई मामला नहीं मिला था। स्वास्थ्य विभाग ने जनता से घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की अपील की है।
महाराष्ट्र में कोविड टेस्टिंग भी तेज की गई है। सरकार के मुताबिक, जनवरी 2025 से अब तक 9592 टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से सिर्फ शनिवार को ही 68 नए मामले सामने आए। मुंबई में अब तक कुल 749 केस दर्ज हो चुके हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को केरल के दो छात्रों में संक्रमण पाया गया, जो श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।
अब बात करते हैं कोविड के नए वैरिएंट्स की। ICMR ने पुष्टि की है कि देश में चार नए वैरिएंट्स की पहचान हुई है – LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। ये वैरिएंट्स मुख्य रूप से दक्षिण और पश्चिम भारत में देखने को मिले हैं। WHO ने इन्हें ‘वैरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग’ की कैटेगरी में रखा है, यानी अभी ये चिंताजनक स्तर पर नहीं हैं, लेकिन निगरानी जरूरी है।
इनमें से सबसे खतरनाक NB.1.8.1 को माना जा रहा है, जिसमें A435S, V445H और T478I जैसे स्पाइक म्यूटेशन हैं। इसकी खासियत यह है कि यह तेजी से फैलता है और बनी हुई इम्यूनिटी को चकमा देने में सक्षम है। हालांकि सबसे ज्यादा फैला हुआ वैरिएंट इस समय JN.1 है, जो ओमिक्रॉन के BA.2.86 का एक स्ट्रेन है।
JN.1 को दिसंबर 2023 में WHO ने ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। इसके करीब 30 म्यूटेशन ऐसे हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकते हैं। अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, यह वैरिएंट गंभीर तो नहीं है, लेकिन तेजी से फैलता है और इसके लक्षण लंबे समय तक बने रह सकते हैं, जिससे लोगों को लॉन्ग कोविड होने का खतरा भी रहता है।