जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश के कई जिलों में लगातार हो रही तेज बारिश ने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और जलस्तर लगातार बढ़ने से खतरे की स्थिति बन गई है। डिंडौरी, मंडला, शहडोल, जबलपुर, उमरिया और बालाघाट जैसे जिलों में हालात सबसे ज्यादा चिंताजनक बने हुए हैं। कई स्थानों पर पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, तो कहीं रेलवे ट्रैक तक पानी में डूब चुके हैं।
डिंडौरी जिले के मेहदवानी जनपद में धमनी-कुसेरा मार्ग बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया है। यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत तीन साल पहले बनी थी, लेकिन तेज बारिश में वह टूट गई, जिससे भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
सीहोर जिले की पपनाश और पार्वती नदियों में उफान के चलते पुलों पर से पानी बहने लगा। पार्वती नदी में हादसा उस वक्त टल गया जब लोगों की चेतावनी को नजरअंदाज कर एक कार चालक बहाव में फंस गया। आसपास मौजूद लोगों ने सूझबूझ से उसे बचा लिया।
जबलपुर के बरगी डैम के 9 गेट खोलने पड़े हैं, जिससे नर्मदा नदी के निचले इलाकों में खतरे की स्थिति बन गई है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर नर्मदा किनारे के लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है। उमरिया में जोहिला डैम के भी 4 गेट खोले गए हैं। रविवार को उमरिया में महज 9 घंटे में साढ़े 3 इंच बारिश दर्ज की गई, जिससे वहां के सड़कों पर जलभराव हो गया और आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
शहडोल जिले के सरकारी अस्पताल के वार्डों में पानी भर गया, जबकि रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म और ट्रैक तक पानी पहुंच गया, जिससे ट्रेनों की आवाजाही 4 घंटे तक बाधित रही। कटनी और पोहरी जैसे इलाकों में नदी-नाले उफान पर हैं, और ग्रामीण क्षेत्रों से संपर्क टूट गया है। मंडला, डिंडौरी और बालाघाट जैसे आदिवासी बहुल जिलों में नर्मदा और अन्य नदियों में पानी खतरे के निशान को पार कर गया है।
शिवपुरी जिले में पिछले एक घंटे से लगातार बारिश हो रही है। अब तक जिले में 433 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है, जो कि औसत की तुलना में 53% है। नरवर और करैरा जैसे क्षेत्रों में यह आंकड़ा 500 मिमी के पार जा चुका है।
मुलताई (बैतूल) में भी भारी बारिश का दौर जारी है। ताप्ती सरोवर से फिलहाल पानी नहीं छोड़ा गया है, लेकिन तालाब भरने के बाद उसकी निकासी की जाएगी। भोपाल, इंदौर, रतलाम, रायसेन, खजुराहो, सतना, सागर, बालाघाट और अन्य जिलों में भी रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश जारी है।
मौसम विभाग ने जबलपुर, डिंडौरी, मंडला, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा और बैतूल जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं, 20 से ज्यादा जिलों में यलो अलर्ट है। इनमें शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, पन्ना, कटनी, सीहोर, रायसेन, विदिशा, अशोकनगर, शिवपुरी और गुना शामिल हैं।
शिक्षा विभाग ने बालाघाट, अनूपपुर, उमरिया, जबलपुर, मंडला और डिंडौरी में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
सीनियर मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, राज्य में तीन एक्टिव स्ट्रॉन्ग सिस्टम के कारण भारी वर्षा हो रही है और यह सिलसिला 10 जुलाई तक जारी रहने की संभावना है। विशेष रूप से पूर्वी मध्यप्रदेश के जिलों में बारिश की तीव्रता अधिक रहेगी।
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन हालात पर लगातार नजर रखे हुए हैं, लेकिन आने वाले चार दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में जल संकट और बाढ़ की स्थिति बनी रह सकती है। जनता को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।