जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भारत में कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर गहराता नजर आ रहा है। कोविड-19 के नए वैरिएंट्स के चलते न सिर्फ संक्रमण के मामलों में तेज़ी आई है, बल्कि इससे मौतों की संख्या भी चिंता बढ़ा रही है। देशभर में कोरोना के एक्टिव केस 7,121 तक पहुंच चुके हैं, और बीते 24 घंटे में 300 से ज़्यादा नए मामले सामने आए हैं। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले सभी मंत्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है।
केरल इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य बन गया है, जहां 2,223 एक्टिव केस हैं। इसके बाद गुजरात में 1,223, दिल्ली में 757 और पश्चिम बंगाल में 747 मामले हैं। पिछले 10 दिनों में 3,000 से ज्यादा नए केस सामने आए हैं और 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सिर्फ मंगलवार को ही 6 लोगों की जान चली गई, जिनमें केरल में 3, कर्नाटक में 2 और महाराष्ट्र में 1 मौत हुई।
केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट खासकर बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। उन्होंने राज्य के सभी अस्पतालों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सर्दी, खांसी और सांस की तकलीफ वाले मरीजों का अनिवार्य रूप से कोविड टेस्ट किया जाए, और सभी को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
देश के कई राज्यों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है:
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की और कहा कि राज्य के अस्पतालों में पूरी तैयारी है, घबराने की जरूरत नहीं है।
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गुजरात सरकार ने कोविड से निपटने के लिए अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर और ICU की व्यवस्था पूरी कर ली है। स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने बताया कि नया वैरिएंट ओमिक्रॉन का ही हिस्सा है, लेकिन बहुत गंभीर नहीं है।
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कर्नाटक के गुलबर्गा मेडिकल इंस्टीट्यूट में 25 बेड का कोविड वार्ड तैयार किया गया है, जिसमें ICU, HDU और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खास बेड शामिल हैं।
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उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं, जिसमें ऑक्सीजन, जरूरी दवाओं और ICU सुविधा की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं। हिमाचल के सिरमौर जिले में पहला केस सामने आने के बाद मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
भारत में कोविड के 4 नए वैरिएंट मिले हैं – LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल के अनुसार ये वैरिएंट दक्षिण और पश्चिम भारत में ज़्यादा पाए गए हैं। हालाँकि WHO ने इन्हें ‘चिंताजनक’ नहीं माना है, पर ‘निगरानी योग्य’ ज़रूर बताया है। NB.1.8.1 के कुछ म्यूटेशन तो इतनी तेजी से फैलते हैं कि यह पहले से बनी इम्यूनिटी को भी चकमा दे सकते हैं।
JN.1 सबसे आम वैरिएंट बन गया है, जो टेस्टिंग में 50% से ज्यादा सैंपल में पाया जा रहा है। यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 का सब-वैरिएंट है, जिसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं जो इम्यूनिटी को कमजोर कर देते हैं। हालांकि, इसके लक्षण गंभीर नहीं होते, लेकिन यह ज्यादा देर तक शरीर में टिक सकता है। कई मरीजों में Long COVID जैसी स्थिति देखी जा रही है, जिसमें ठीक होने के बाद भी लक्षण बने रहते हैं।
अब सबसे बड़ा सवाल – क्या देश में फिर से लॉकडाउन जैसी स्थिति बन सकती है? क्या स्कूल, दफ्तर, ट्रेवल गाइडलाइंस फिर बदलेंगी?
फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञों का साफ कहना है – घबराएं नहीं, सतर्क रहें। मास्क पहनें, हाथ साफ रखें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें। वैक्सीन की डोज़ छूट गई हो तो तुरंत पूरा करवाएं।