जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
19 जून को देश के चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे सोमवार को घोषित कर दिए गए। इस उपचुनाव ने न सिर्फ राजनीतिक समीकरणों में हलचल मचा दी, बल्कि कुछ बड़े चेहरे और संभावनाओं को भी सामने ला दिया। गुजरात, पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल की इन सीटों पर मुकाबला सीधा भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच रहा।
गुजरात की कडी सीट से भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र चावड़ा ने जीत दर्ज की। उन्होंने कांग्रेस के रमेश चावड़ा को बड़े अंतर से हराया। यह सीट भाजपा विधायक करसनभाई सोलंकी के निधन के बाद खाली हुई थी। दूसरी ओर विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी को बड़ी सफलता मिली। यहां पार्टी ने चर्चित चेहरा गोपाल इटालिया को उतारा, जिन्होंने भाजपा के कीर्ति पटेल को हराकर 17,554 वोटों से शानदार जीत हासिल की।
पंजाब की लुधियाना वेस्ट सीट आम आदमी पार्टी ने फिर से अपने नाम की। AAP ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को मैदान में उतारा और उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी भारत भूषण आशु को कड़ी टक्कर में हराया। इस जीत का एक बड़ा संकेत यह है कि संजीव अरोड़ा के विधायक बनने पर उनकी राज्यसभा सीट खाली हो जाएगी और संभावना जताई जा रही है कि अरविंद केजरीवाल को AAP पंजाब से राज्यसभा भेज सकती है। यह रणनीतिक बढ़त पार्टी को भविष्य की राजनीति में नई दिशा दे सकती है।
केरल की नीलांबुर सीट पर कांग्रेस के आर्यदन शौकत ने CPI(M) के एम. स्वराज को 11,077 वोटों से हराया। यह सीट पहले वामपंथी गठबंधन (LDF) के पास थी, जहां पी.वी. अनवर विधायक थे। उन्होंने इस्तीफा देकर TMC जॉइन की थी, जिसके बाद यह सीट खाली हुई। कांग्रेस की जीत ने केरल में UDF को मजबूती दी है।
पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर TMC ने अपनी पकड़ बनाए रखी। पार्टी की उम्मीदवार और दिवंगत विधायक नसीरुद्दीन अहमद की बेटी अलीफा अहमद ने भाजपा के आशीष घोष को हराया। यह चुनाव भी संवेदनशील माना जा रहा था क्योंकि इसमें विपक्षी गठबंधन के तहत CPI(M) ने कांग्रेस उम्मीदवार काबिल उद्दीन शेख को समर्थन दिया था।
गुजरात में भाजपा की मजबूत सरकार है, जबकि केरल में वाम गठबंधन LDF का शासन है। पंजाब में आम आदमी पार्टी और पश्चिम बंगाल में TMC की सरकार है। उपचुनाव में सभी सत्तारूढ़ दलों ने अपनी स्थिति बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस और AAP ने कुछ नए संकेत भी दिए।
इन उपचुनावों से कुछ स्पष्ट संदेश निकलते हैं— AAP ने पंजाब और गुजरात दोनों में खुद को मजबूती से पेश किया है। कांग्रेस केरल में वापसी कर रही है। भाजपा अब भी गुजरात में मजबूत है, लेकिन AAP की चुनौती उसे सीधे तौर पर प्रभावित कर रही है। वहीं बंगाल में TMC का वोट बैंक बरकरार है। इसके साथ ही AAP के लिए यह उपचुनाव एक संभावित टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है, जहां केजरीवाल की संसद में एंट्री का रास्ता खुलता दिख रहा है।