जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
इंदौर के प्रसिद्ध रणजीत हनुमान मंदिर में इस वर्ष राम नवमी और हनुमान जन्मोत्सव को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं। भक्तों में इस पावन पर्व को लेकर उत्साह चरम पर है। मंदिर के मुख्य पुजारी पं. दीपेश व्यास ने बताया कि इस वर्ष के आयोजन में एक अनूठी झलक देखने को मिलेगी, जिससे श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम के दिव्य जन्मोत्सव और हनुमानजी के गौरवशाली अवतरण का विशेष अनुभव प्राप्त होगा। मंदिर समिति द्वारा इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बनाने के लिए विभिन्न तैयारियां की जा रही हैं, और सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए रविवार को विशेष बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें भक्त मंडल के सदस्यों को विभिन्न जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।
राम नवमी पर होगा भव्य आयोजन
6 अप्रैल को राम नवमी का महापर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीराम को “शीश महल” स्वरूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा, जिससे पूरा मंदिर परिसर अद्भुत आभा से दमक उठेगा।
- सुबह 6 बजे सात दिवसीय अखंड रामायण का शुभारंभ होगा, जिसमें संपूर्ण मंदिर प्रांगण मंत्रों के मधुर गूंज से गुंजायमान होगा।
- 8:30 बजे भगवान श्रीराम का महाभिषेक किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से गंगा जल, पंचामृत और केसर युक्त जल का उपयोग होगा।
- सुबह 9 बजे से भगवान के श्रृंगार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सोने-चांदी से जड़ी अलंकृत पोशाक और भव्य मुकुट धारण कराया जाएगा।
- दोपहर 12 बजे जन्मोत्सव आरती होगी, जिसमें हजारों भक्तगण शामिल होकर “जय श्रीराम” के जयघोष के साथ माहौल को भक्तिमय बनाएंगे।
- शाम को भजन संध्या का भव्य आयोजन होगा, जिसमें देश के प्रसिद्ध भजन गायक अपनी प्रस्तुतियां देंगे और भक्तों को आध्यात्मिक अनुभूति कराएंगे।
हनुमान जन्मोत्सव पर मथुरा-वृंदावन की झलक
12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर श्रद्धालुओं को मथुरा-वृंदावन की दिव्य छटा देखने को मिलेगी। इस दौरान पूरे मंदिर परिसर को वृंदावन की गलियों और मंदिरों की शैली में सजाया जाएगा, जिससे भक्तगण एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभूति कर सकेंगे।
- 11 अप्रैल की रात को हनुमानजी का महाभिषेक किया जाएगा, जिसमें विशेष जड़ी-बूटियों और सुगंधित जल का उपयोग होगा।
- हनुमानजी का श्रृंगार इस बार वृंदावन की पारंपरिक पोशाक में किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को असीम आनंद की अनुभूति होगी।
- मंदिर परिसर में गोपियों और ग्वालों की झांकी बनाई जाएगी, जिससे वृंदावन की यादें साकार हो उठेंगी।
- श्रद्धालु भी गोपियों और ग्वालों की वेशभूषा में आकर आयोजन का हिस्सा बन सकेंगे।
- मथुरा-वृंदावन से विशेष सजावट दल को आमंत्रित किया गया है, जो मंदिर को संपूर्ण रूप से वृंदावन के दिव्य वातावरण में परिवर्तित करेगा।
- गौ-सेवा के विशेष प्रबंध किए जाएंगे, जिसमें भक्तगण गौमाता को चारा खिलाकर पुण्य लाभ अर्जित कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
मंदिर समिति द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग प्रवेश और निकास द्वार बनाए गए हैं। प्रसाद वितरण, जल सेवा और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन और पुलिस के साथ बैठक भी की जा चुकी है। बता दें, आयोजन की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए रविवार को भक्त मंडल की एक विशेष बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा, व्यवस्थाएं और जिम्मेदारियों को तय किया जाएगा। मंदिर समिति के वरिष्ठ सदस्य, पुजारीगण और स्वयंसेवकों को अलग-अलग कार्य सौंपे जाएंगे, ताकि यह भव्य आयोजन पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ संपन्न हो सके।