जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
कोलकाता के लॉ कॉलेज गैंगरेप केस ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। कॉलेज परिसर में छात्रा से हुए इस हैवानियत भरे अपराध के बाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ के कार्यालय बंद करने का आदेश दे दिया है। कोर्ट ने छात्र चुनाव होने तक इन ऑफिसों को पूरी तरह बंद रखने को कहा है और राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है।
इस केस का मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह कॉलेज का पूर्व छात्र और कुछ समय से एडहॉक फैकल्टी के रूप में नियुक्त था। आरोपी की बार काउंसिल सदस्यता भी रद्द कर दी गई है। पुलिस जांच में यह सामने आया कि मनोजित और उसके साथी जैब अहमद और प्रमीत मुखर्जी ने मिलकर घटना को अंजाम दिया। मनोजित की बैचमेट्स ने भी उसके व्यवहार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेज में वह लड़कियों को डराता, तस्वीरें खींचकर वायरल करता और कई लड़कियों को जबरदस्ती प्रपोज करता था।
घटना के बाद हुए मेडिकल टेस्ट और CCTV फुटेज ने पीड़िता के आरोपों को सही साबित कर दिया। मेडिकल रिपोर्ट में रेप, मारपीट और प्रताड़ना की पुष्टि हुई है। सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता को सुरक्षा गार्ड के कमरे में जबरन ले जाने की घटना कैद है। यही नहीं, घटना के तुरंत बाद आरोपी ने कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ. नयना चटर्जी को फोन भी किया था, जिनसे पुलिस दो बार पूछताछ कर चुकी है।
इस मामले में पुलिस ने अब तक 16 लोगों से पूछताछ की है और आरोपियों के डीएनए, फ्लूइड, बाल और यूरिन सैंपल भी लिए गए हैं। पुलिस का दावा है कि यह पूरी वारदात पूर्व नियोजित थी। आरोपी पीड़िता को काफी दिनों से ट्रैक कर रहे थे और प्लानिंग के तहत कॉलेज में ही गार्ड के कमरे को घटनास्थल के रूप में चुना गया।
कोर्ट में दायर PIL में मुख्य आरोपी के राजनीतिक संबंधों का भी जिक्र किया गया है, जिसकी वजह से इस केस की CBI जांच की मांग उठ रही है। वहीं लॉ कॉलेज प्रशासन ने आरोपी की नौकरी समाप्त कर दी है और अन्य दो छात्रों को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस ने मेडिकल स्टोर की CCTV भी जब्त कर ली है, जहां से पीड़िता के लिए इनहेलर मंगाया गया था—जो घटना के दौरान उसे राहत देने के नाम पर खरीदा गया था।