जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच पार्वती-कालीसिंध-चम्बल नदी परियोजना मामला काफी समय से लंबित चल रहा था, जिसको लेकर हल निकाल लिया गया है। दरअसल, एमपी, राजस्थान और केन्द्र सरकार के बीच बुधवार को दिल्ली के श्रमशक्ति भवन स्थित जल शक्ति मंत्रालय में पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के संबंध में त्रिपक्षीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। जिसमें केंद्र शासन के सहयोग से दोनों राज्यों के बीच 20 साल पुराने विवाद का हल निकाला गया है और जल्द ही इस परियोजना के परिणाम दिखेंगे।
बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में नदी जोड़ो अभियान बड़े पैमाने पर चल रहा है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी. आर. पाटिल जी के मार्गदर्शन में मैंने और राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी ने दोनों राज्यों के बीच लंबित मामले को हल कर लिया है। आने वाला समय मध्यप्रदेश और राजस्थान के लिए अद्वितीय सिद्ध होगा।”
वहीं, इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा, “राजस्थान में जल जीवन मिशन तथा ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना’ (ईआरसीपी) की वर्तमान प्रगति एवं क्रियान्वयन पर एक बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान से संबंधित विभिन्न विकास कार्यों, जल संसाधन प्रबंधन, सीमावर्ती क्षेत्रों में जल वितरण व्यवस्था तथा दोनों राज्यों के मध्य जल संबंधी मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। राजस्थान में जल संरक्षण के लिए NGOs की मदद से जल संचयन (वाटर हार्वेस्टिंग) के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई, साथ ही जल भण्डारण संरचनाओं को पुनर्जीवित करने पर भी जोर दिया गया।” उन्होंने बताया कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना से संबंधित समीक्षा बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से दोनों राज्यों के बीच लंबित मामले का निवारण कर लिया गया है। जल्द ही इस परियोजना का मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) अनुबंध होने वाला है। दोनों राज्यों के हित में मध्य प्रदेश और राजस्थान मिलकर काम कर रहे हैं।