जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
प्रयागराज महाकुंभ में आज एक अनहोनी घटी… एक ऐसा दिन, जब करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का पर्व था… और वही श्रद्धा अब गहरे दुःख में बदल गई है। मौनी अमावस्या के मौके पर जब लगभग चार करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंचे, तो घाटों पर अचानक भगदड़ मच गई। प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद, लोग अपनी आस्था की खोज में एक-दूसरे को पीछे छोड़ते हुए बढ़ते गए। खबर है कि इस भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई… और बहुत से श्रद्धालु घायल हुए हैं। लेकिन घटना के 10 घंटे बाद भी प्रशासन की तरफ से किसी आधिकारिक आंकड़े या बयान का सामने नहीं आना, सवालों के घेरे में है।
पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की, जबकि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से संयम रखने और अफवाहों से बचने की गुजारिश की है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम योगी को फोन किया और घटना की जानकारी ली और तुरंत सहायता उपाय करने के लिए कहा है। हालांकि, इस दौरान सोशल मीडिया पर कांग्रेस और सपा प्रशासन की नाकामी और इंतजामों की आलोचना करते हुए सामने आए।
वहीं, हादसे के तुरंत बाद, 70 से ज्यादा एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंची, जिनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल भेजा गया। NSG कमांडो ने संगम तट पर मोर्चा संभाला और संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया। प्रशासन ने प्रयागराज और आसपास के जिलों में श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित करने के लिए अलर्ट जारी किया है।
बता दें, महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 9 करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है।
इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।