जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
राजनीतिक गलियारों में एक नया तूफान मचने वाला है! राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने आज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और AAP नेता सत्येंद्र जैन के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुरोध पर दी गई। बता दें, दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जैन के खिलाफ BNS की धारा 218 के तहत केस चलेगा, जिसके लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 फरवरी को राष्ट्रपति से इस मामले में मंजूरी मांगी थी, जिसे आज राष्ट्रपति ने स्वीकृत कर लिया है। अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) के हाथों में ताज़ा ताकत आ चुकी है, और उनके खिलाफ गिरफ्तारी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, ED को अब किसी भी समय जैन की गिरफ्तारी का आदेश मिल सकता है। यह कदम एक बड़े राजनीतिक ट्विस्ट की ओर इशारा कर रहा है, जो आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले खुलासे ला सकता है।
राजनीतिक माहौल में तनाव!
यह मामला अब राजनीतिक स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है। AAP सरकार के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोलने की धमकी दी है। इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया इस मामले को और भी गर्म कर सकती है। क्या इस केस के बाद दिल्ली की राजनीति में और भी उथल-पुथल देखने को मिलेगी? क्या सत्येंद्र जैन के खिलाफ कार्रवाई से AAP पार्टी की छवि पर असर पड़ेगा? इन सवालों के बीच दिल्ली के राजनीतिक माहौल में तनाव बढ़ता जा रहा है।
क्या है आरोप?
30 मई 2022 को ED ने सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि जैन ने अपनी चार कंपनियों के माध्यम से बड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की और अवैध पैसों को संपत्तियों में बदलने के लिए फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया। इस दौरान, 4.81 करोड़ रुपये हवाला के जरिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों से शेल कंपनियों को ट्रांसफर किए गए। यह रकम दिल्ली और आसपास के कृषि भूमि की खरीद के लिए इस्तेमाल की गई थी।
कौन-कौन हैं शामिल?
सत्येंद्र जैन के अलावा उनकी पत्नी पूनम जैन, भाई अजित प्रसाद जैन और अन्य परिजनों के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि जैन ने 2015 से 2017 के बीच कई संपत्तियां खरीदीं और इन संपत्तियों के लिए फर्जी कंपनियों का सहारा लिया। अब मामला कोर्ट में है और ED ने जनवरी में कोर्ट से यह मांग की थी कि आरोप तय किए जाएं क्योंकि जांच में उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए गए हैं।