जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राजधानी भोपाल की सड़कों पर सियासी संग्राम छिड़ गया। किसान कांग्रेस के नेतृत्व में भारी संख्या में प्रदर्शनकारी विधानसभा का घेराव करने पहुंचे, लेकिन प्रदर्शन के बीच अचानक रंगमहल चौराहे पर कांग्रेस का मंच भरभराकर गिर पड़ा। मंच गिरते ही अफरा-तफरी मच गई, चारों तरफ चीख-पुकार सुनाई देने लगी, और कांग्रेस नेताओं समेत कई कार्यकर्ता नीचे गिरकर घायल हो गए।
सूत्रों के अनुसार, इस हादसे में 10 से ज्यादा कांग्रेस नेता घायल हुए, जिनमें मध्यप्रदेश किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं, कांग्रेस कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव सिंह को पसलियों में लोहे की रॉड लगने से उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। घटना के तुरंत बाद कार्यकर्ताओं ने घायलों को उठाकर गाड़ियों में बैठाया और अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की।
हंगामे के बीच घायलों को अस्पताल भेजा गया
घटना के तुरंत बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अफरा-तफरी मच गई। साथी नेताओं ने घायलों को उठाकर गाड़ियों में बैठाया और उन्हें अस्पताल भेजने की व्यवस्था की। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने एम्बुलेंस बुलाई और घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया। कांग्रेस सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष योगेश यादव ने बताया कि जब मंच गिरा, तो अचानक लोग उनके ऊपर गिर गए। उनके पैर में चोट आई, जिसके चलते उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
मंच टूटने की घटना के बावजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हौसला नहीं छोड़ा और विधानसभा कूच करने की कोशिश जारी रखी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिससे मौके पर और ज्यादा हंगामा मच गया। विधानसभा घेराव के इस बवाल के बीच मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए थे। हादसे की खबर मिलते ही वे तुरंत घायल नेताओं से मिलने पहुंचे और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी घायलों की हालत अब स्थिर है।
इस घटना के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस इस पूरे घटनाक्रम को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की तैयारी में है। दूसरी ओर, प्रशासन इस मामले पर स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने में जुटा है। भोपाल की सड़कों पर मचे इस हंगामे के बाद अब सभी की नजरें सरकार की प्रतिक्रिया और कांग्रेस की अगली रणनीति पर टिकी हैं।