जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश में मानसून पूरी तरह एक्टिव हो चुका है और इसका प्रभाव अब भयावह रूप लेता जा रहा है। बीते रविवार को पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश हुई और सोमवार से आगामी चार दिनों तक और भी ज्यादा तेज़ बारिश का अनुमान जताया जा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पहली बार इस सीजन में उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा और राजगढ़ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में अगले 24 घंटों में 8 इंच से अधिक बारिश होने की आशंका जताई गई है। वहीं, नीमच, मंदसौर, इंदौर और देवास में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां भारी बारिश और जलभराव की स्थिति बन सकती है।
प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी हालात खराब होते जा रहे हैं। अशोकनगर जिले के मुंगावली कस्बे में दो दिन से लगातार बारिश हो रही है, जिससे सड़कें और गलियां पानी से लबालब हो चुकी हैं। कई घरों में पानी घुस गया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
बता दें, इस बार मानसून ने 16 जून को प्रदेश में दस्तक दी थी, और 20 जून तक यह मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों में फैल चुका था। रविवार को पूरे राज्य में तेज़ बारिश हुई, जिसमें सबसे ज्यादा पानी टीकमगढ़ में रिकॉर्ड किया गया – 215 मिमी। इसके अलावा दमोह के हटा में 117.2 मिमी, निवाड़ी के ओरछा में 115 मिमी, शिवपुरी के करेरा में 110 मिमी, झाबुआ के रामपुर में 88 मिमी और पिछोर में 85 मिमी बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यह मौसमी सिस्टम अगले चार दिनों तक और अधिक सक्रिय रहेगा। साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती दबाव) और ट्रफ लाइन के असर से पूरे प्रदेश में वर्षा की तीव्रता और अवधि दोनों बढ़ जाएंगी। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, सागर और अन्य संभागों में तेज हवाओं के साथ बारिश, बिजली गिरने और आंधी-तूफान की आशंका जताई गई है।
वर्तमान स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग ने मुरैना, भिंड, श्योपुर, दतिया, गुना, शिवपुरी, सागर, टीकमगढ़, रीवा, सतना, मऊगंज, कटनी, डिंडोरी, जबलपुर, सिवनी, बालाघाट, नर्मदापुरम, विदिशा, रायसेन, हरदा, बैतूल, खरगोन, धार, बड़वानी, झाबुआ, अलीराजपुर, पन्ना, मंडला, अनुपपुर समेत 55 जिलों में गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है।
विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में जलभराव, ग्रामीण अंचलों में फसल क्षति, छोटे पुल-पुलियों पर बहाव, और यातायात अवरोध जैसी स्थिति बन सकती है। प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और बचाव एवं राहत दलों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।