जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
मध्य प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के 19 धार्मिक और पवित्र क्षेत्रों में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। 1 अप्रैल से इन क्षेत्रों में शराब की दुकानें पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी। सरकार के इस निर्णय का उद्देश्य धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखना, सामाजिक सुधार को बढ़ावा देना और पर्यावरणीय संतुलन को सुरक्षित रखना है। साथ ही, राज्य सरकार ने राजस्व संतुलन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई अहम बदलाव भी किए हैं।
सरकार की नई आबकारी नीति के तहत रेस्तरां में शराब परोसने के लिए खुले क्षेत्र (ओपन एरिया) का फ्लोर एरिया बढ़ाने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा, बड़े व्यावसायिक आयोजनों के लिए लाइसेंस शुल्क को आयोजन स्थल के आकार और दर्शकों की संख्या के अनुसार निर्धारित किया जाएगा। इससे आयोजकों को राहत मिलेगी और सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
शराब दुकानों के ठेकेदारों के लिए ई-बैंक गारंटी अनिवार्य कर दी गई है। 1 अप्रैल 2025 से यह नियम लागू होगा, जिसके तहत सभी ठेकेदारों को 30 अप्रैल 2026 तक वैध ई-बैंक गारंटी जमा करनी होगी। यह गारंटी केवल अधिकृत बैंकों से ही मान्य होगी और साइबर ट्रेजरी के माध्यम से जमा करनी होगी। इससे वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और ठेकेदारों की जवाबदेही तय होगी।
ये 19 पवित्र क्षेत्र होंगे शराबमुक्त
शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, चित्रकूट, मैहर, ओरछा, अमरकंटक, दतिया, पन्ना, मंदसौर, मुलताई, मंडला सहित 19 नगर पालिकाओं एवं पंचायतों में शराब की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी जाएगी। इन क्षेत्रों को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हुए सरकार ने यह कड़ा फैसला लिया है।
राजस्व संतुलन के लिए शराब महंगी होगी
शराब की दुकानों के बंद होने से राजस्व हानि की भरपाई के लिए सरकार ने अन्य जिलों में शराब की कीमतों में 25% तक की वृद्धि करने का प्रस्ताव रखा है। यह नीति न केवल सरकार के वित्तीय संतुलन को बनाए रखने में मदद करेगी बल्कि राज्य में शराब की अनियंत्रित खपत पर भी रोक लगाएगी। इसी के साथ, शराब की बिक्री में पारदर्शिता लाने और अवैध व्यापार पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने सभी शराब दुकानों में पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों को अनिवार्य कर दिया है। इससे हर लेनदेन का डिजिटल रिकॉर्ड रहेगा, जिससे काले धन के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सकेगा।