जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:
भोपाल में 23 फरवरी की शाम सियासत का बड़ा दंगल होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार मध्यप्रदेश के विधायकों, लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मंथन करेंगे। लेकिन यह सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि संगठन की नब्ज टटोलने का भी मौका होगा। सवाल यह भी है कि क्या यह मोदी का नया सियासी संदेश है?
जानकारी के लिए बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 फरवरी को पहली बार मध्यप्रदेश के विधायकों और सांसदों के साथ सीधी चर्चा करने भोपाल आ रहे हैं। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में होने वाली इस ऐतिहासिक बैठक में सिर्फ 208 चुनिंदा नेता शामिल होंगे, जहां पीएम मोदी सरकार की योजनाओं, संगठन की ताकत और आगे की रणनीति पर दो घंटे तक मंथन करेंगे। सिर्फ 5 लोगों को मंच पर बैठने की अनुमति होगी, जबकि केंद्रीय मंत्री और भाजपा के शीर्ष पदाधिकारी राउंड टेबल चर्चा में भाग लेंगे।
बैठक में पीएम मोदी सीधे विधायकों और सांसदों से सवाल-जवाब कर सकते हैं। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन, जनता तक उनकी पहुंच और संगठन की भागीदारी को लेकर प्रधानमंत्री अचानक किसी भी टेबल पर जाकर चर्चा कर सकते हैं। यानी हर विधायक और सांसद को पूरी तैयारी के साथ आना होगा।
डिनर भी होगा खास!
बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी विधायकों और सांसदों के साथ डिनर भी करेंगे। इसके बाद वे राजभवन के प्रेसिडेंशियल सुइट में रात्रि विश्राम करेंगे और अगले दिन ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन करने के लिए रवाना होंगे।
जानकारी के लिए बता दें, मध्यप्रदेश के इस ऐतिहासिक दौरे में पीएम मोदी छतरपुर के बागेश्वर धाम भी जाएंगे, जहां वे कैंसर अस्पताल और चिकित्सा शोध संस्थान का भूमिपूजन करेंगे। इस मौके पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जगद्गुरु रामभद्राचार्य, स्वामी अवधेशानंद महाराज सहित देशभर के संत-महात्मा और कथावाचक मौजूद रहेंगे।
वहीं, 24 फरवरी को पीएम मोदी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन करेंगे, जहां देश-विदेश के शीर्ष उद्योगपति शामिल होंगे। यह समिट मोहन सरकार का पहला बड़ा आयोजन होगा, जिसमें पीएम मोदी की मौजूदगी से मध्यप्रदेश को निवेश और विकास की नई दिशा मिलने की उम्मीद है।