हेमंत खंडेलवाल बने मध्यप्रदेश BJP के नए अध्यक्ष, निर्विरोध चुने गए; CM मोहन यादव और शिवराज की मौजूदगी में सौंपा गया भाजपा का ध्वज!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश की सियासत में आज एक नया अध्याय जुड़ गया है। बैतूल से विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल को भारतीय जनता पार्टी का नया प्रदेशाध्यक्ष निर्विरोध घोषित कर दिया गया है। मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित भव्य समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उन्हें प्रमाण पत्र सौंपा और फूल माला पहनाकर उनका औपचारिक स्वागत किया। इसी के साथ 1964 दिन बाद खजुराहो सांसद वीडी शर्मा की जगह प्रदेश भाजपा की कमान एक बार फिर नए चेहरे को मिल गई।

इस मौके पर निवर्तमान प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने पार्टी का राष्ट्रीय ध्वज सौंपकर औपचारिक रूप से नवनिर्वाचित अध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंपी। शर्मा के कार्यकाल में भाजपा ने प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा में शानदार प्रदर्शन किया था। अब उनके स्थान पर हेमंत खंडेलवाल को यह जिम्मेदारी ऐसे वक्त में मिली है जब पार्टी को लगातार चुनावी मोर्चों पर डटकर मुकाबला करना है।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राजनीति के तमाम दिग्गज—मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ला, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा समेत भाजपा के शीर्ष नेता मंच पर मौजूद थे। यह पल सिर्फ एक पद की घोषणा नहीं था, बल्कि पार्टी की उस परंपरा का प्रतीक था, जिसमें अनुभव और नेतृत्व क्षमता को प्राथमिकता दी जाती है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समारोह में चुटीले अंदाज में कहा—”कांग्रेस इस बात से परेशान है कि भाजपा के खजाने में कितने रत्न हैं, जो खत्म ही नहीं होते। कांग्रेस चाहे खत्म हो जाए, पर भाजपा के पास रत्नों की कोई कमी नहीं है।” साथ ही मुख्यमंत्री ने आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों को चुनौती बताते हुए संगठन की एकजुटता का संदेश दिया।

हेमंत खंडेलवाल का चयन केवल एक राजनीतिक नियुक्ति नहीं है, बल्कि यह भाजपा के गहरे सांगठनिक सोच का नतीजा है। हेमंत खंडेलवाल, पूर्व लोकसभा सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार खंडेलवाल के पुत्र हैं, जिनकी पहचान एक सशक्त संगठनकर्ता के रूप में रही है। बैतूल से लगातार उनका जनसम्पर्क और जमीनी पकड़ उन्हें कार्यकर्ताओं के बीच अत्यंत लोकप्रिय बनाती है।

प्रदेश में क्षेत्रीय संतुलन की दृष्टि से भी यह चयन महत्वपूर्ण है। मालवा-निमाड़ क्षेत्र से पहले ही भाजपा ने 8 बार प्रदेशाध्यक्ष दिए हैं, जबकि हेमंत खंडेलवाल का चुनाव मध्य क्षेत्र से हुआ है। इससे पहले सिर्फ शिवराज सिंह चौहान ही इस क्षेत्र से भाजपा अध्यक्ष रहे थे, जब वे वर्ष 2005 में इस पद पर थे। इस लिहाज से हेमंत खंडेलवाल का चयन मध्य क्षेत्र के लिए भी बड़ी राजनीतिक मान्यता है।

इतिहास पर नजर डालें तो मध्यप्रदेश भाजपा संगठन ने सबसे अधिक बार मालवा-निमाड़ क्षेत्र को नेतृत्व दिया है। सुंदरलाल पटवा, लक्ष्मीनारायण पांडे, विक्रम वर्मा, कैलाश जोशी, सत्यनारायण जटिया और नंदकुमार चौहान जैसे दिग्गज नेता इसी क्षेत्र से आते रहे हैं। वहीं, ग्वालियर-चंबल, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र से भी कई नेताओं को मौका मिला है, लेकिन मध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कम ही हुआ।

हेमंत खंडेलवाल के सामने जहां एक ओर पार्टी को पंचायत चुनावों में मजबूती दिलाने की चुनौती होगी, वहीं 2028 के विधानसभा चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं को जोड़कर रखने और संगठन की धार को और तेज़ करने की भी जिम्मेदारी होगी। वे एक ऐसे दौर में प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, जब भाजपा को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य छोटे दलों से लगातार राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।

ऐसे में अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि हेमंत खंडेलवाल संगठन को कैसे नई ऊर्जा देंगे, और क्या वे वीडी शर्मा के प्रदर्शन से आगे निकलकर पार्टी को नई ऊंचाइयों तक ले जा पाएंगे?

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