जमीन के लालच में भाई बना हैवान: जबलपुर में बड़े भाई की छोटे भाई ने की बेरहमी से हत्या, मामा के बेटे और दोस्तों ने दिया साथ; मुख्य आरोपी ऋषभ समेत तीन आरोपी गिरफ्तार, एक अभी भी फरार!

You are currently viewing जमीन के लालच में भाई बना हैवान:  जबलपुर में बड़े भाई की छोटे भाई ने की बेरहमी से हत्या, मामा के बेटे और दोस्तों ने दिया साथ; मुख्य आरोपी ऋषभ समेत तीन आरोपी गिरफ्तार, एक अभी भी फरार!

जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

जबलपुर में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जहाँ संपत्ति की लालच में छोटे भाई ने अपने ही सगे बड़े भाई की बेरहमी से हत्या कर दी। ये कोई अचानक उफान में किया गया अपराध नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी — जिसमें रिश्तेदारी, दोस्ती और लालच का खौफनाक गठजोड़ था। पांच दिन की सघन जांच और तकनीकी साक्ष्यों के बाद भेड़ाघाट पुलिस ने हत्या की इस गुत्थी को सुलझाया और मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि एक आरोपी अब भी फरार है।

जायदाद का झगड़ा बना खून की वजह

मामला भेड़ाघाट थाना क्षेत्र के कूड़न गांव का है। 20 जुलाई की रात हाईवे पर खून से लथपथ एक युवक की लाश मिली। शव की पहचान शहपुरा निवासी 26 वर्षीय अभिषेक सिंह के रूप में हुई — जो आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति था और इलाके में दबंगई के लिए जाना जाता था। उसके छोटे भाई ऋषभ सिंह (23) से उसका लंबे समय से पुश्तैनी संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों भाई एक-दूसरे से ज्यादा हिस्सा मांग रहे थे। आए दिन मारपीट, गाली-गलौज और धमकी जैसी स्थितियाँ बनती थीं, जिन्हें रिश्तेदार और ग्रामीण कई बार सुलझाने की कोशिश कर चुके थे। लेकिन तनाव बढ़ता ही गया।

घटना वाली रात अभिषेक जबलपुर में ट्रक सुधरवाने के बाद शहपुरा लौट रहा था और रास्ते में बिट्टू दा ढाबा पर खाना खाने रुका। तभी वहां ऋषभ अपने मामा के बेटे राजा राजपूत और दो दोस्तों लल्लू चढ़ार व देवेंद्र लोधी के साथ पहुंचा। ढाबे पर बहस तो हुई, लेकिन लोगों ने मामला शांत करवा दिया।

पर यहीं से शुरू हुई एक सुनियोजित साजिश। ढाबे से बाहर निकलते समय अभिषेक और ऋषभ के बीच फिर झगड़ा हुआ। अभिषेक ने पहले ऋषभ को पीटना शुरू किया, लेकिन खुद को बचाने के नाम पर ऋषभ ने अपने साथियों के साथ मिलकर कार से जैक और रॉड निकाली और फिर… शुरू हुआ वह मंजर जिसे सुनकर भी रूह कांप जाए। ऋषभ और राजा ने मिलकर अभिषेक पर एक के बाद एक हमला किया। सिर और सीने पर ताबड़तोड़ 15 से ज्यादा वार किए गए। जब तक उसकी सांसें नहीं थमीं, हमले जारी रहे।

हत्या के बाद चारों ने मिलकर अभिषेक की लाश को सड़क पर इस तरह फेंका, जैसे कोई सड़क हादसा हुआ हो। फिर वहां से कुछ दूर भागे, लेकिन कार रास्ते में खराब हो गई। वे पैदल ही हथियार लेकर नहर तक पहुंचे और जैक व रॉड को फेंककर सबूत मिटाने की कोशिश की। इसके बाद सभी अपने-अपने घर चले गए।

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी

देर रात ग्रामीणों ने हाईवे पर पड़े शव की जानकारी पुलिस को दी। भेड़ाघाट पुलिस ने शव को मेडिकल कॉलेज भेजा और जब जांच शुरू की तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गंभीर हमलों के निशान सामने आए। एक्सीडेंट की कहानी झूठी लगने लगी। परिजनों और ढाबा स्टाफ से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले और पुलिस ऋषभ तक पहुंच गई।

शुक्रवार देर रात मुख्य आरोपी ऋषभ, लल्लू और देवेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि राजा अब भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है। एएसपी अंजना तिवारी ने बताया कि शुरुआत से ही इस केस को गंभीरता से लिया गया और तकनीकी इन्वेस्टिगेशन के साथ साइबर और फॉरेंसिक टीमों की मदद ली गई।

Leave a Reply