मध्यप्रदेश में फिलहाल कमजोर हुआ मानसून सिस्टम, 15 सितंबर के बाद पूरे प्रदेश में तेज बारिश की संभावना; कुछ जिलों में बारिश, डैमों के गेट खोले!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश में मानसून का असर इस समय कमजोर पड़ा हुआ है। लो-प्रेशर एरिया और मानसून ट्रफ का सिस्टम सुस्त हो जाने के कारण केवल कुछ ही जिलों में बारिश हो रही है, जबकि बाकी इलाकों में धूप खिली है। मौसम विभाग का अनुमान है कि यह स्थिति 15 सितंबर तक बनी रहेगी। इसके बाद एक नया स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होगा, जिससे पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश होने की संभावना है।

भोपाल में धूप, डिंडौरी में तेज बारिश

राजधानी भोपाल में बुधवार सुबह से ही तेज धूप निकली रही, जबकि डिंडौरी में सुबह 10:30 बजे के करीब मूसलाधार बारिश हुई। नर्मदापुरम जिले के पिपरिया और आसपास के इलाकों में रुक-रुककर पानी गिरता रहा। मौसम विभाग ने मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर और बालाघाट जिलों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां अगले 24 घंटे में ढाई से साढ़े चार इंच तक पानी गिर सकता है।

डैमों का जलस्तर बढ़ा, गेट खोले गए

लगातार बारिश से कई डैमों का जलस्तर बढ़ गया है।

  • तवा डैम (इटारसी): जलस्तर 1165.80 फीट तक पहुंच गया। बुधवार सुबह 7:30 बजे से बांध के तीन गेट 5-5 फीट खोल दिए गए और करीब 26,034 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

  • भदभदा डैम (भोपाल): मंगलवार दोपहर एक गेट खोला गया, जिससे 7 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया। इससे पहले 6 सितंबर को भी बड़े तालाब का जलस्तर बढ़ने पर गेट खोला गया था।

  • कलियासोत डैम: मंगलवार रात दो गेट खोले गए।

  • जोहिला डैम (उमरिया): यहां भी दो गेट आधा-आधा मीटर खोले गए।

भोपाल में भारी बारिश के चलते कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी। बाणगंगा चौराहे पर सड़क पर पानी भर गया, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

कई जिलों में हुई बारिश

पिछले 24 घंटे में प्रदेश के 13 से ज्यादा जिलों में बारिश दर्ज की गई।

  • पचमढ़ी: 3.5 इंच

  • भोपाल: 1.7 इंच

  • सागर: 1.2 इंच
    इसके अलावा रायसेन, दमोह, डिंडौरी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, नरसिंहपुर, उमरिया, बैतूल, मंडला, नर्मदापुरम और सतना में भी हल्की से मध्यम बारिश हुई।

मौसम वैज्ञानिक अरुण शर्मा के अनुसार, फिलहाल मानसून ट्रफ प्रदेश के ऊपर से गुजर रही है, लेकिन अन्य मौसम प्रणालियाँ काफी दूर हैं। इसी वजह से बारिश केवल कुछ जिलों तक सीमित है।

बारिश का आंकड़ा: औसत से ज्यादा पानी गिरा

इस सीजन में अब तक मध्यप्रदेश में औसतन 41.4 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है। सामान्यतः इस अवधि में 33.7 इंच बारिश होती है, यानी अब तक 7.7 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है। प्रदेश का औसत बारिश कोटा 37 इंच है, जो पहले ही पूरा हो चुका है। अभी तक कई जिलों में बारिश का आंकड़ा 150% से ज्यादा हो गया है।

  • श्योपुर जिले में अब तक 213% बारिश हो चुकी है।

  • भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया जिलों में बारिश का कोटा पहले ही फुल हो चुका है।

उज्जैन का हाल

कलेक्टर कार्यालय भू-अभिलेख विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 24 घंटे में उज्जैन जिले में औसतन 0.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

  • महिदपुर तहसील: 2.0 मिमी बारिश
    1 जून से 9 सितंबर 2025 तक उज्जैन जिले में कुल 759.2 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 690.1 मिमी बारिश हुई थी।

फिलहाल मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में धूप और हल्की बारिश का दौर है। लेकिन 15 सितंबर के बाद से स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होने पर पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश के आसार हैं। जलाशयों के लगातार भरने से डैमों के गेट खोले जा रहे हैं, जिससे निचले इलाकों में सतर्कता बरतना जरूरी हो गया है।

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