मैहर की बेटी अंजना सिंह ने माउंट एल्ब्रस फतह कर बढ़ाया भारत का मान, राष्ट्रगान गाकर फहराया तिरंगा; माइनस 20 डिग्री में भी नहीं हारी हिम्मत, यूरोप की सबसे ऊँची चोटी पर चढ़ीं अंजना!

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जनतंत्र, मध्यप्रदेश, श्रुति घुरैया:

सतना जिले के मैहर तहसील के एक छोटे से गांव बेंदुरा कला की बेटी अंजना सिंह ने अपने अदम्य साहस और संकल्प से वह कर दिखाया, जो बड़े-बड़े संसाधनों और विशेष प्रशिक्षण से भी हर किसी के बस की बात नहीं होती। 27 जुलाई की सुबह 6 बजे, जब अधिकांश लोग अपने जीवन की सामान्य शुरुआत कर रहे होते हैं, तब अंजना यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर/18,510 फीट) पर भारत का तिरंगा फहरा रही थीं। वहीं बर्फ की तेज़ हवाओं के बीच खड़े होकर उन्होंने पूरे गर्व और सम्मान से राष्ट्रगान भी गाया — यह क्षण न केवल उनके जीवन का, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का प्रतीक बन गया।

अंजना का यह सफर किसी महंगे प्रशिक्षण या विशाल सुविधाओं के सहारे नहीं, बल्कि मेहनत, आत्मबल और अपने माता-पिता के त्याग के सहारे तय हुआ है। उनके पिता राजेश सिंह, जो एक छोटे किसान हैं, हमेशा से बेटी के सपनों के साथ खड़े रहे। अंजना ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने मार्गदर्शक एडवोकेट शिवेंद्र सिंह बघेल को भी दिया है। उन्होंने कहा,

“उस बर्फीले पहाड़ पर मैंने जो भी कदम रखा, वह मेरे माता-पिता के त्याग और मेरे गुरु के मार्गदर्शन से प्रेरित था। ये जीत मुझसे ज्यादा उनकी है।”

अंजना की यह रोमांचकारी यात्रा 18 जुलाई को मैहर से शुरू हुई। 21 जुलाई को वह दुबई पहुंचीं, और वहां से 22 जुलाई को रूस के लिए रवाना हुईं। 23 जुलाई को बेस कैंप पर पहुंचने के बाद उन्होंने चढ़ाई की तैयारी शुरू की। 24 और 25 जुलाई को शुरुआती चढ़ाई की, लेकिन 26 जुलाई को उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया, जिससे उन्हें एक दिन का विश्राम लेना पड़ा। इसके बावजूद हिम्मत न हारते हुए उन्होंने 27 जुलाई की रात 2 बजे अंतिम चढ़ाई शुरू की और सुबह 6 बजे माउंट एल्ब्रस की चोटी पर तिरंगा फहराया।

अंजना ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि चढ़ाई के दौरान तापमान -20°C से भी नीचे चला गया था। तेज बर्फीली हवाओं और ऑक्सीजन की भारी कमी ने चढ़ाई को और चुनौतीपूर्ण बना दिया। शरीर थक चुका था, पर मन में देश का नाम ऊँचा करने का संकल्प जिंदा था। ऊर्जा बनाए रखने के लिए उन्होंने सूखे मेवे और चॉकलेट को साथ रखा। एक दिन के विश्राम के बाद उन्होंने पूरी ताकत से अंतिम चढ़ाई की और विजय प्राप्त की।

यह पहली बार नहीं है जब अंजना सिंह ने अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहण की दुनिया में भारत का नाम रोशन किया हो। इससे पहले, 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्होंने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (5,895 मीटर / 19,341 फीट) पर सुबह 10:56 बजे तिरंगा फहराया था। उस उपलब्धि ने भी उन्हें देशभर में पहचान दिलाई थी।

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